किसी विश्वस्त साझेदार के साथ अब विदेशी मुद्रा में बाह्य अवधारणा का होना आवश्यक नहीं है.

बाह्य वाणिज्यिक उधार

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  • विशेषताएं

बाह्य वाणिज्यिक उधार : भूमिका

भारत से बाहर ज्ञात बैंकिंग स्रोतों से भारतीय कार्पोरेटों द्वारा प्राप्तं किए गए मुद्रा ऋणों को ‘बाह्य वाणिज्यिक उधार’ (ईसीबी) कहते हैं. ऐसे विदेशी मुद्रा उधारों का संग्रहण समय-समय पर लागू भारत सरकार / भारतीय रिज़र्व बैंक के बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी नियमों के अंतर्गत किया जा सकता हैं.

बाह्य वाणिज्यिक उधार : विशेषताएं

बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी)

बैंक ऑफ़ बड़ौदा भारतीय कार्पोरेटों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के माध्यरम से विदेशी मुद्रा में विभिन्ना सुविधाएं प्रदान करने एवं इसकी व्यउवस्थात करने की दृष्टि काफी सक्रिय एवं अग्रणी रहा है. बैंक ऑफ़ बड़ौदा भारतीय कार्पोरेटों की सभी प्रकार की विदेशी मुद्रा ऋणों की आवश्यहकताओं के लिए आवश्यडक व्यंवस्थाक करता है.


बैंक ऑफ़ बड़ौदा - भारत का अंतर्राष्ट्री य बैंक 24 देशों में 100 से ज्यामदा शाखाओं / कार्यालयों के साथ जिसमें महत्व पूर्ण वैश्विक वित्तीय केंद्र (ब्रुसेल्से, दुबई, हांगकांग, लंदन, न्यूययॉर्क एवं सिंगापुर) इत्या दि भी शामिल है, काफी सुदृढ़ स्थिति में हैं और अंतर्राष्ट्री य बाजार से निधि की व्यंवस्थात /प्रदान करने की दृष्टि से अन्यब सभी से बेहतर स्थिति में है.


बैंक ऑफ़ बड़ौदा के पास विदेशी मुद्रा ऋण की व्यनवस्थाप की दृष्टि से अनेक दशकों का अनुभव है. इस लंबे अनुभव एवं वैश्विक स्त्र पर व्या‍पक उपस्थिति का आधार बैंक ऑफ बड़ौदा को बाहरी वाणिज्यिक उधार बाजार (ईसीबी मार्केट) को समझने का बेहतर अवसर प्रदान करता है, फलस्ववरुप यह अपने ग्राहकों को श्रेष्ठन शर्तों पर सुविधाएं उपलब्धं करा सकता है.



अंतर्राष्ट्री य मर्चेंट बैंकिंग कक्ष (आईएमबीसी)

भारतीय कार्पोरेटों की वैश्विक एवं देशीय स्तेर पर बढ़ती हुई गतिविधियों के परिपेक्ष्यल में सस्तेय एवं शीघ्र वैश्विक निधियों की मांग में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. मध्य म आकार की कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हो गई हैं. इन सभी का मंतव्यत परिचालनों को बढ़ाना, वैश्विक स्त्र पर प्रतिस्प र्धी बनाना एवं विदेशी बाजारों तक पहुंच बनाना है.


उन्हेंक, अन्य उद्देश्यों् से निधि प्राप्तe करने हेतु अंतर्राष्ट्री य कार्पोरेट / मर्चेंट / निवेश बैंकिंग सेवाओं की भी आवश्यैकता होगी.


भारतीय कार्पोरेटों की अंतर्राष्ट्री य मर्चेंट बैंकिंग आवश्यरकताओं, विशेष रुप से बाहरी वाणिज्यिक उधार, पर विशेष ध्या‍न देने हेतु बीसीसी, मुंबई में अंतर्राष्ट्री य मर्चेंट बैंकिंग कक्ष (आईएमबीसी) की स्था पना की गई है.


अंतर्राष्ट्री य मर्चेंट बैंकिंग कक्ष (आईएमबीसी) निम्ना नुसार विभिन्नर उत्पाैदों / गतिविधियों के माध्यरम से कार्पोरेट / मर्चेंट / निवेश बैंकिंग सेवाएं उपलब्धM करा रहा है :

  • विदेशी मुद्रा ऋण / बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यधवस्थाे करना / प्रदान करना.
  • भारतीय कार्पोरेटों को उनके विदेशी कार्यालयों, संयुक्त् उपक्रमों, अनुषंगियों के लिए उन स्था नों पर सभी प्रकार की बैंकिंग लेन-देन सुविधा प्रदान करना जहां हमारी शाखाएं मौजूद हैं.
  • विदेशी मुद्रा / डेरिवेटिव उत्पारद उपलब्‍ध कराना.
  • क्रेता ऋण/आपूर्तिकर्ता ऋण उपलब्धण कराना.
  • सिंडिकेटेड ऋण की व्यतवस्थाक करना/जिम्मेादारी लेना/भागीदारी करना.
  • द्विपक्षीय ऋणों / सामूहिक व्येवस्थाणओं के माध्येम से कॉर्पोरेट के लिए निधि की उगाही.
  • बांड्स, एफआरएन, एफसीसीबी इत्यावदि के माध्याम से अंतर्राष्ट्रीरय बाजार से निधि की उगाही करना.
  • अन्य देशों की निर्यात क्रेडिट एजेंसियों से ऋण की व्सावस्थार करना.
  • विदेशी निवेशों के संबंध में परामर्श सेवाएं प्रदान करना.
  • कार्पोरेट की विशिष्टव आवश्येकताओं के अनुकूल नवोन्मेाषी सोल्यूरशन प्रदान करना.
  • रिग (मस्तूोल-पाल), जहाज, एयरक्राफ्ट इत्यागदि जैसी विशिष्टन आस्तियों की खरीद हेतु संरचित वित्तूपोषण.
  • देश से बाहर के ऋणों का वित्तपोषण एवं पुनर्गठन.

ग्लोदबल सिंडिकेशन केंद्र, लंदन (यूके
रिजनल सिंडिकेशन केंद्र, दुबई (यूएई)

बैंक ने भारतीय / अभारतीय कार्पोरेटों को प्रतिस्प र्धी मूल्यn पर विदेशी मुद्रा / सेवा उपलब्ध् कराने हेतु विशिष्टद समाधान प्रदान करने के लिए ग्लोपबल सिंडिकेशन केंद्र (जीएससी), लंदन (यूके) एवं रिजनल सिंडिकेशन केंद्र (आरएससी), दुबई (यूएई) की स्थावपना की है.


इसके पास भारत एवं विदेश में ऋण सिंडिकेशन / अन्य सेवाओं की व्यंवस्थाि के क्षेत्र में अनुभव से युक्त् पेशेवर एवं विशेषज्ञ टीम है.


इच्छुूक कार्पोरेट/संस्थाशनिक ग्राहक निम्निलिखित में से किसी भी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं :

या आप निम्नुलिखित से सीधे संपर्क कर सकते हैं

सहायक महाप्रबंधक,

अंतर्राष्ट्री य प्रभाग, बीसीसी,

मुंबई.

टेलिफोन नं. : 91-22-6698 5409

फैक्सो नं. : 91-22- 26523509

ईमेल : intl-mktg.bcc@bankofbaroda.com

संबंधित शाखा, कंपनी द्वारा दी जाने वाली वित्तीय एवं अन्य सूचनाओं जैसे कि कोई अन्यक रुपए क्रेडिट सुविधा का निर्धारण / मूल्यांरकन करेगी. कॉर्पोरेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी आवश्याकताएं भारतीय रिज़र्व बैंक / भारत सरकार की बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के अनुकूल हों. बाहरी वाणिज्यिक उधार नीति / दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक www.rbi.org.in की साइट पर उपलब्धह है.


विदेशी मुद्रा ऋण / सेवाओं की लागत से तात्पीर्य है कि कंपनी को पड़ने वाली कुल लागत में निम्नुलिखित का समावेश होगा –

  • ब्या ज दर / मार्जिन (यह इच्छुैक ऋणकर्ताओं की जोखिम प्रोफाइल से संबद्ध है)
  • अपफ्रंट शुल्कर एवं अन्यज शुल्का की व्य‍वस्थाक

व्यरवस्थाि शुल्क / अपफ्रंट शुल्की एकबारगी लागत है. मूल्यून, ऋणकर्ता की क्रेडिट रेटिंग, ऋण की अवधि, उपलब्धश विदेशी मुद्रा की मांग एवं आपूर्ति, बाजार स्थिति इत्याीदि पर निर्भर करता है. बाजार की स्थिति के अनुसार मूल्योंय में परिवर्तन होता रहता है और ये सामान्य्तः 30 दिनों की अवधि के लिए वैध होते हैं. लागत के अलावा कानूनी / दस्तारवेजी /आऊट ऑफ पॉकेट आदि भी जुड़ते रहते हैं. ये सामान्यातः 15000 यूएस डॉलर अथवा 20000 यूएस डॉलर एवं कुछ मामलों में अधिक भी होते हैं.


प्रस्तायवित लागत अनियत है एवं इस पर चर्चा एवं बातचीत की जा सकती है :

सिंडिकेटेड ऋणों के माध्युम से दिए जाने वाला ईसीबी- विभिन्नत चरण संक्षेप में
  • ईसीबी के नियम एवं शर्तों पर बातचीत एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ इसे अंतिम रुप देना.
  • बैंक ऑफ बड़ौदा को ईसीबी की व्यमवस्थाु हेतु अधिदेश देना.
  • सिंडिकेशन संबंधी आवश्यवकता के अनुरुप बैंक एण्ड टू एण्डद समाधान उपलब्धत कराएगा.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक / भारत सरकार से आवश्यधक अनुमोदन प्राप्तत करना.
  • ऋण करार निष्पाधदित करना एवं प्रतिभूतियों पर प्रभार, यदि कोई हो, सृजित करना.
  • धारा 10(15)(iv) के तहत धारिता कर से छूट प्राप्ता करना, यदि लागू हो.

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